4th House in Kundli: कुंडली में चतुर्थ भाव का महत्त्व क्या है?

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ज्योतिष शास्त्र में 12 भाव होते हैं। प्रत्येक भाव का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। 4th house in Kundli घर और परिवार का कारक माना जाता है। इसलिए, इसे “बंधु भाव” या “विद्या भाव” कहा जाता है। यह आपके परिवार में बनी सुख-शांति को दर्शाता है। चौथा घर परिवार के सदस्यों के साथ आपके संबंधों को दर्शाता है। यह आपके जीवन में आपके वंश, मातृ या देखभाल करने वाले लोगों का प्रतीक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपकी मां के साथ आपके रिश्ते को दर्शाता है। इसे “सुख भाव” के रूप में भी जाना जाता है। यह जीवन में आपकी खुशी और घरेलू शांति को भी दर्शाता है। चौथा घर एक सुरक्षित स्थान बनाने का नक्शा है जहां हम प्यार और देखभाल महसूस कर सकते हैं।

चौथे घर पर कौन शासन करता है?

कुंडली में चौथे घर पर चंद्रमा का शासन है लेकिन शुक्र भी इससे प्रभावित होता है। चौथे घर में सभी ग्रह शुभ माने जाते हैं और इसलिए उनका कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है। चौथे घर में शुक्र भौतिक चीजों जैसे वाहन, कपड़े आदि का प्रतीक है और एक शानदार जीवन देने का वादा करता है। यहां चंद्रमा व्यक्ति के मन पर प्रभाव डालता है और दर्शाता है कि वह किस प्रकार के जीवन का आनंद लेना चाहता है।

कुंडली में चतुर्थ भाव का महत्त्व

  1. चतुर्थ भाव उस घर को दर्शाता है जहां हमारा बचपन बीता है और हम बड़े होते हैं।
  2. ये हमारे संबंधों के बारे में बताता है। संपत्ति और उससे संबंधित अगर कोई मुद्दा है तो चौथे घर की वजह से आभास होता है।
  3. अगर किसी व्यक्ति का चौथा घर प्रभावित है तो उसकी मानसिक शांति पर बहुत असर होता है। ये हमारे भावनात्मक और भावुक पक्ष को दर्शाता है।
  4. शरीर के अंगों में चतुर्थ भाव से संबंधित छाती और हृदय आते हैं और पेट से ऊपर वाला भाग भी इसमें शामिल है।
  5. इस भाव से शिक्षा के बारे में जाना जाता है। इस भाव से पूर्वज के घर से जाने और व्यक्ति का मां के साथ संबंध कैसा है उसके बारे में जाना जा सकता है।
  6. ये भाव धन से संबंधित हर तरह की चीज को प्रभावित करता है इसमे वाहन खरीदना भी शामिल है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम ऐसे घर में निवेश करें जहां हमें शांति और प्यार का आभास हों।
  7. 4th house in Kundli रिश्तों को दर्शाता है और उनके आने का आभास कराता है। आपके बच्चे दान कौन सी जगह करते है, चौथे घर के माध्यम से ये सब जाना जा सकता है।
  8. चौथे घर में विवाह के बाद आपके परिवार के साथ रिश्तों के बारे में पता चलता है, साथ ही माता पिता द्वारा मिली जाने वाली संपत्ति का भी ज्ञान होता है।
  9. चतुर्थ भाव आपकी और आपके जीवनसाथी की समाज में प्रतिष्ठा का भी बोध कराता है।
  10. ये घर आपके पिता और गुरुजन के जीवन में होने वाले परिवर्तन और किसी रोग से संबंधित बातों का भी आभास कराता है।

4th House in Kundli: नौ ग्रहों की स्थिति के परिणाम

  • चंद्रमा: यह आपको संवेदनशील और पारिवारिक बनाता है। चौथे घर में चंद्र के होने से आप अपने परिवार और आस-पास के लोगो के लिए बहुत समर्पित हो जाते हैं।
  • सूर्य: चतुर्थ भाव में सूर्य का होना आपको लालची बना सकता है क्योंकि आपको धन का लाभ होता है।
  • शुक्र: शुक्र प्रेम का ग्रह है। ये आपके पारिवारिक जीवन को दर्शाता है और इसके माध्यम से वित्तीय लाभ मिलने की संभावना है।
  • बृहस्पति: चतुर्थ भाव में बृहस्पति आपको आत्मविश्वासी और बुद्धिमान बनाता है। यह आपको अपने माता-पिता के अधिक करीब लाता है और भविष्य में मिलने वाली पैतृक संपत्ति का भी बोध कराता है।
  • मंगल: चौथे घर में मंगल बेचैनी ला सकता है लेकिन ये आपको परिवार-केंद्रित भी बनाएगा।
  • बुध: बुध आपको अति-संवेदनशील बना देता है और आप अपने आस-पास के लोगो के लिए अति-सुरक्षात्मक बन जाते हैं।
  • शनि: चतुर्थ भाव में शनि ये दर्शाता है कि आप एक स्थिर जीवन जीना चाहते हैं और परिवर्तन आपको नापसंद है।
  • राहु: चतुर्थ भाव में स्थित राहु आपकी भावनात्मक और मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालता है। यह अति महत्वाकांक्षी स्वभाव और कम संतुष्टि को दर्शाता है।
  • केतु: चतुर्थ घर में केतु आपके पैतृक घर को छोड़कर किसी नई विदेशी भूमि पर जाने का संकेत देता है।

कुंडली के चौथे भाव की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो:

निष्कर्ष – 4th House in Kundli

चंद्रमा को मां का कारक कहा जाता है। इसलिए चौथे घर में होने पर किसी भी ग्रह का प्रभाव शुभ ही माना जाता है। 4th house in Kundli जीवन में होने वाले परिवर्तन और आपके रिश्ते के बारे में जानकारी देता है। प्रत्येक घर का अपना शासक होता है और हमारी जन्म कुंडली में उस घर को नियंत्रित करने वाले चिन्ह के बारे में जानकर हम विभिन्न जीवन घटनाओं के बारे में बहुत सारी जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं।

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