हिंदू परंपरा में भगवान शनि को न्याय का भगवान माना जाता है। शनि की साढ़े साती जो 7.5 वर्ष तक रहती है इसमें आपके व्यवसाय, घर, स्वास्थ्य सब पर असर होता है। Shani Mahadasha के 19 वर्ष में शनि ग्रह के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव होते हैं जो एक व्यक्ति के कर्मों के ऊपर निर्भर करता है।
Shani Mahadasha किसी भी व्यक्ति के जीवन में 19 साल तक रहती है। ये महादशा किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत कठिन चरण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह बिना किसी पक्षपात के, इंसान को उसके कर्मों का फल देता है। Shani Mahadasha के दौरान आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और सफलता पाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं। इसके साथ सफलता की राह में रुकावटें, देरी और अस्वीकृति हो सकती है।
कैसे होते हैं Shani Mahadasha के 19 साल –
Shani Mahadasha में इंसान को गलत आदत लग जाती है जैसे शराब पीना, लड़ना। ऐसे लोग अपने परिवार से दूर रहने लग जाते हैं और उनमें काफी गलतफहमी रहती है। स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक समस्याएं बढ़ जाती हैं और वित्तीय समस्याएं भी काफी बढ़ जाती हैं। Shani Mahadasha में बिजनेस में नुकसान और सहकर्मियों के बीच बहस होती रहती है। करियर में रुकावत और प्रमोशन होने के चांस भी कम हो जाते हैं जिससे तनाव बढ़ जाता है।
शनि देव इंसान को उसके कर्मों का फल देने के लिए आते हैं। ये 19 साल किसी के लिए बहुत हानिकारक होते हैं तो वही दूसरो के लिए अच्छा सबक भी माना जाता है।
Shani Mahadasha के बुरे प्रभाव –
- जब किसी व्यक्ति के जीवन में महादशा चल रही हो तब हर काम में रुकावत आती है।
- यह काल व्यक्ति के जीवन में कष्ट, दुःख और उदासी लेकर आता है।
- भारी आय हानि और आर्थिक परेशानी हो सकती है।
- शनि महादशा व्यक्ति के जीवन में परिवार या प्रियजनों से अलगाव से जुड़ी है।
- शनि महादशा में व्यक्ति के स्वास्थ्य पर खराब असर रहता है।
शनि महादशा के अच्छे प्रभाव –
- शनि अगर कुंडली में सही जगह पर हो तो किसी भी इंसान को धनी बना सकता है।
- Shani Mahadasha में बहुत ताकत, साहस और शक्ति मिलती है। ये आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है।
- इसमे कम मेहनत करने पर भी सफलता मिल सकती है यदि शनि कुंडली में मज़बूत होते हैं।
Shani Mahadasha के उपाय –
- शनि मंत्र को 108 बार जपने से और हनुमान चालीसा पढ़ने से कठिन समय आसानी से निकल जाता है।
- शनिवार को शनि देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से शनि भगवान अपना आशीर्वाद देते हैं।
- Shani Mahadasha के समय गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शराब और मांसाहार से परहेज करना शामिल है।
- शनिवार के दिन शनि देव को सरसों या तिल का तेल चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही काले कपड़े पहनने चाहिए और शनि देव की पूजा करनी चाहिए।
शनि महादशा की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यह वीडियो देखें:
शनि एक अशुभ ग्रह होने के कारण इस अवधि में संघर्ष अधिक लाता है। शनि हमें जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए हमारी गलतियों की सजा देता है क्योंकि यह एक कर्मयोगी ग्रह है। इस अवधि में आप परेशान और भ्रमित महसूस कर सकते हैं। बनते हुए काम रुक जाते हैं और जीवन में निराशा रहती है जिसकी वजह से व्यक्ति अवसाद में भी जा सकता है।
जरूरी नहीं है कि शनि की दशा हमेशा नकारात्मक हो। इसके बहुत अच्छे असर भी होते हैं। अपनी कुंडली में Shani Mahadasha के बारे में जानने के लिए Vedic Astro Kendra से संपर्क करें और अपने सभी सवालों के जवाब पाएं।
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