Ramcharitmanas Chaupai: पाएं आर्थिक समृद्धि और अपनी हर समस्या का समाधान

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हिंदू धर्म में तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का बहुत महत्व है। सात भागों से बनी हुई रामचरितमानस जीवन में किसी भी संकट को ठीक कर सकती है। रोज़ Ramcharitmanas Chaupai को पढ़ने से जीवन में बहुत बदलाव आता है और हर मनोकामना पूरी होती है। कठिन स्थितियों से निकलने के लिए ये चौपाइयां जीवन में बहुत साथ देती हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

Ramcharitmanas Chaupai जो देती हैं आर्थिक समृद्धि 

रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखी हुई है। शरद नवरात्रि के समय इसका पाठ पूरे 9 दिन तक किया जाता है। इसमें श्री राम के जीवन का विस्तार से वर्णन किया गया है। रामचरितमानस 27 श्लोक, 4608 चौपाई, 1074 दोहा, 207 सोरठा और 86 का संयोजन है। आइए जानते हैं इन्हीं में से कुछ चौपाइयों का अर्थ।

हरि अनंत हरि कथा अनंता।

कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥

रामचंद्र के चरित सुहाए।

कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥

अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं कि भगवान श्री राम का ना तो कोई अंत है ना ही उनका कोई आदि है। कोई भी इंसान उनके सुंदर चरित्र का वर्णन नहीं कर सकता।

जा पर कृपा राम की होई,

ता पर कृपा करहिं सब कोई।

जिनके कपट, दम्भ नहिं माया,

तिनके हृदय बसहु रघुराया॥

अर्थ: इस चौपाई का अर्थ है कि अगर किसी इंसान पर श्री राम की कृपा होती है तो उसे कोई दुख नहीं छू सकता और जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। श्री राम का वास उसी मन में होगा जहां लालच, अहंकार का कोई स्थान नहीं होगा। जिन्हे पैसे का लालच नहीं होता श्री राम उन पर सदैव कृपा बनाकर रखते हैं।

अगुण सगुण गुण मंदिर सुंदर,

भ्रम तम प्रबल प्रताप दिवाकर।

काम क्रोध मद गज पंचानन,

बसहु निरंतर जन मन कानन।।

अर्थ: Ramcharitmanas Chaupai में कहा गया है की श्री राम निगुण और परम सुंदर हैं। वे अंधकार के लिए प्रबल प्रतापी सूर्य के समान हैं जो क्रोध और अंधकार का नाश करके अपने भक्तों के जीवन में हमेशा वास करेंगे।

कहु तात अस मोर प्रनामा,

सब प्रकार प्रभु पूरनकामा।

दीन दयाल बिरिदु संभारी,

हरहु नाथ मम संकट भारी॥

अर्थ: इस चौपाई का अर्थ है कि हे भगवान अगर आप हर तरह से पूर्ण हैं और आपको किसी तरह की कामना नहीं है तो आप दुखी लोगों पर दया कीजिए और मेरे हर दुख को हर लीजिए।

होइहि सोइ जो राम रचि राखा,

को करि तर्क बढ़ावै साखा।

अस कहि लगे जपन हरिनामा,

गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा॥

अर्थ: इन चौपाइयों का अर्थ है कि जो भी भगवान श्री राम ने रचा है वही होगा और उसके बारे में सोचना बेकार है। ऐसा कहकर भगवान शिव हरि का नाम जपते है और सती वही गई जहां श्री राम थे।

इन चौपाइयों के अलावा, रामचरितमानस सात खंडों में है जिनमें कुछ छोटे और बड़े खंड हैं। संपत्ति प्राप्ति और अपनी हर समस्या का समाधान पाने के लिए चौपाइयों को पढ़ना चाहिए। इन चौपइयों में शत्रु नाश के लिए, भय के लिए, हर तरह के उपाय बताए गए हैं। संपत्ति प्राप्ति के लिए इस चौपाई को पढ़ना चाहिए –

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख संपति नाना बिधि पावहिं॥

इसका भावार्थ है कि जो मनुष्य साफ दिल से इन्हें गाता है उन्हें अनेक प्रकार से सुख समृद्धि मिलती है।

Ramcharitmanas Chaupai का पाठ करने के नियम

रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़ने से पहले भगवान श्री राम को स्थापित करें। उनकी पूजा करने से पहले हनुमान जी का मन में ध्यान करें। इसके बाद श्री गणपति का आह्वान करते हुए शुरुआत करनी चाहिए। अंत में राम जी की आरती करनी चाहिए।

रामचरितमानस की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो :

निष्कर्ष

जीवन में हर तरह के पल आते हैं। तुलसीदास द्वारा रचित Ramcharitmanas Chaupai हर समस्या का समाधान दे सकती है। ये चौपाइयां पढ़ने से डर, रोग दूर हो जाते हैं। इनका प्रतिदिन जाप करने से वित्तीय संकट का समाधान हो जाता है। मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होती है। हिंदू धर्म में इस ग्रंथ का बहुत महत्व है।

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