हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत महत्व होता है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। शिव महापुराण में 16 प्रकार के रुद्राक्षों के बारे में बताया गया है जिनमें से ek mukhi rudraksh को धारण करने से बहुत फायदे होते हैं। इतिहास के अनुसार रुद्राख की रचना भगवान शिव के आंसुओं से हुई है और इन्हें आभूषणों की तरह भी पहना जाता है।
रुद्राक्ष बहुत प्रकार के होते हैं जिनमें ek mukhi rudraksh बहुत दुर्लभ होते हैं। इसे धारण करने से धन और ज्ञान दोनों की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है उन्हें इसे पहनने की सलाह दी जाती है। इसे पहनने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और ये बहुत प्रभावशाली माना जाता है। Ek mukhi rudraksh को साक्षात भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है।
Ek mukhi rudraksh की पहचान कैसे करें
रोग और दरिद्रता से दूर रहने के लिए इस रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए। आइये जानते हैं ek mukhi rudraksh की पहचान कैसे करें:
- सरसों के तेल में रुद्राक्ष डालने से अगर उसका रंग और गहरा होता है तो इसका मतलब वो असली रुद्राक्ष है।
- अगर रुद्राक्ष गरम पानी में रंग छोड़ता है तो वह नकली रुद्राक्ष होता है।
- Ek mukhi rudraksh काजू की तरह होता है जिसमें एक ही धारी पाई जाती है।
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- इस रुद्राक्ष को पहनने वालो पर लक्ष्मी जी की कृपा होती है।
- जिन लोगों को दिल और ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उनके लिए ये रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद होता है।
- Ek mukhi rudraksh सिंह राशि के जातकों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसे सकारात्मक ऊर्जा का सृजन होता है।
- इसे पहनने से se धनप्राप्ति में बहुत मदद होती है।
- इस रुद्राक्ष को पहनने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
- ऐसे व्यक्ति को अपने प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है और ये लोग बहुत सफल होते हैं। इसके साथ ही इनका बहुत मान सम्मान होता है।
- एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पुराने कर्मों से मुक्ति मिलती है और अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलती है।
- इसे पहनने से मानसिक तनाव सही होता है और शांति मिलती है।
- इसे पहनने से नेतृत्व कौशल विकसित होता है और समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है।
Ek mukhi rudraksh धारण करने के नियम
- इस रुद्राक्ष को वही लोग धारण करें जो भगवान शिव की पूजा पूरी निष्ठा से करें।
- सुबह-सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं।
- रुद्राक्ष को जागृत करने के लिए “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का उच्चारण 108 बार करना चाहिए।
- एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए शराब और नॉनवेज से दूर रहना चाहिए।
- रुद्राक्ष को धारण करने के लिए रविवार, सोमवार या शिवरात्रि का दिन शुभ होता है।
- एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले गंगा जल और दूध से धोना चाहिए।
- रोज रात को सोने से पहले इसे उतार देना चाहिए और अगले दिन नहाने के बाद इसे फिर से धारण करना चाहिए।
- कभी भी ख़राब रुद्राक्ष या टूटा हुआ रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
- रुद्राक्ष को पहनकर कभी भी किसी के अंतिम संस्कार में नहीं जाना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है और रुद्राक्ष की ऊर्जा का फ़ायदा नहीं होता।
एक मुखी रुद्राक्ष की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो:
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is not validरुद्राक्ष को एक आभूषण से ज्यादा एक धार्मिक उपाय की तरह पहनना चाहिए। इसका संबंध भगवान शिव से है जिनकी शक्ति और भक्ति करने पर ही इसका सही लाभ होता है। अगर इसे नियम अनुसर धारण किया जाए तो इसके बहुत प्रभावशाली असर देखने को मिल सकते हैं। यदि आप Ek mukhi rudraksh से संबंधित कोई भी जानकारी लेना चाहते हैं तो Vedic Astro Kendra से संपर्क करें।
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